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Breaking: मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा RTI के आंकड़े जारी, देहरादून व हरिद्वार जानकारी मांगने वालों में अव्वल
अनिल चंद्र पुनेठा, मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखंड ने दी जानकारी

उत्तराखंड के मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने आरटीआई से संबंधित आंकड़े जारी करते हुए बताया कि नवंबर 2005 से जून 2022 तक तकरीबन 1156694 लाख से अधिक आवेदन आरटीआई के तहत प्राप्त हुए। जिनमें से 115135 आवेदन प्रथम अपील के प्राप्त हुए तथा द्वितीय अपील के 51397 आवेदन प्राप्त हुए।

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मुख्य सूचना आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि जितने भी आवेदन आरटीआई के तहत प्राप्त होते हैं उनमें से तकरीबन 90% मामले लोक सूचना अधिकारी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर ही निस्तारित हो जाते हैं सिर्फ 10% लोग ही प्रथम व द्वितीय अपील करते हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि किसी भी विभाग से सूचना के लिए सर्वप्रथम उस विभाग के लोक सूचना अधिकारी को आरटीआई के तहत आवेदन किया जाता है अगर आप उस जानकारी से संतुष्ट नहीं है तो आप प्रथम अपील कर सकते हैं और तब भी आपको सूचना अधूरी लगती है तो आप द्वितीय अपील के लिए मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखंड के कार्यालय में एप्लीकेशन देकर जानकारी मांग सकते हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि कोविड-19 के कारण कुछ माह तक कार्यालय बंद रहने से वादों की संख्या अधिक हो गई थी पर अब तेज गति से द्वितीय अपील और शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य के विभिन्न विभागों में वर्ष 2020- 21 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 51 हजार से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हुए वहीं वर्ष 2021-22 में अभी तक 35 हज़ार से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके हैं।
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने वालों में सबसे अधिक मामले राजस्व व स्कूली शिक्षा के हैं और सबसे कम प्रोटोकॉल, धर्मस्व ,इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट आदि के, जिलेवार बात करें तो सबसे ज्यादा आवेदन देहरादून, हरिद्वार ,उधमसिंह नगर व नैनीताल से प्राप्त होते हैं ।
अनिल चंद्र पुनेठा ने 5 जनवरी 2022 को मुख्य सूचना आयुक्त उत्तराखंड का पदभार ग्रहण किया। मुख्य सूचना आयुक्त के अतिरिक्त तीन राज्य सूचना आयुक्त श्री विवेक शर्मा, विपिन चंद्र एवं अर्जुन सिंह भी राज्य सूचना आयुक्त के रूप में कार्य कर रहे हैं।
सूचना आयोग द्वारा समय-समय पर अस्पष्ट व अधूरी जानकारी देने वाले अधिकारियों पर अर्थदंड की कार्यवाही भी की जाती रही है। विभिन्न विभागों के अधिकारियों पर जानकारी गलत देने या देर से देने की वजह से राज्य सूचना आयोग द्वारा 2 करोड़ 82 लाख 19 हज़ार 877 रुपए के जुर्माने की कार्रवाई अभी तक की जा चुकी है जिनमें से कुछ मामले अभी कोर्ट में लंबित हैं।
सूचना के अधिकार के तहत सूचना के लिए आवेदन करना लोगों का अधिकार है। उत्तराखंड सूचना आयोग की तरफ से यह कोशिश की जाती है कि सूचना जल्दी और समय पर आवेदन कर्ता को दी जाए।
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