उत्तराखंड में मज़दूरों के हक़ों पर डाका: इंडिया गठबंधन
प्रत्येक पात्र निर्माण मजदूर को योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए,

*मज़दूरों के नाम से हो रहे सामान वितरण में सरकारी निधि का दुरुपयोग, मज़दूरों के हक़ों पर डाका: इंडिया गठबंधन*
देहरादून 22 फरवरी 2024:देहरादून में मुख्यमंत्री के नाम पत्र जारी कर इंडिया गठबंधन के छह सदस्य दलों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि कुछ क्षेत्रों में भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा चल रहे सामान वितरण अभियान में सिर्फ सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा ही जानता को लाभ दिया जा रहा है। पत्र में उन्होंने कहा कि खबर यह भी आ रही है कि इस वितरण व्यवस्था में अनियमितताएं हो रही है, यह सरकारी निधि का दुरुपयोग है और मज़दूरों के हक़ों पर हनन है। विपक्षी दलों ने मांग की है कि प्रत्येक पात्र निर्माण मजदूर को योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए, और लाभ वितरण श्रम विभाग के आधिकारियो की ही देखरेख में होना चाहिए; क्योंकि महामारी और लॉक डाउन में सबसे ज्यादा नुक्सान मज़दूर वर्ग को हुआ था, मज़दूरों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, महिला मज़दूरों के लिए राहत, मज़दूरों को अपने भुगतान समय पर मिलने के लिए ठोस व्यवस्था, और शहर में मज़दूर हॉस्टल एवं मज़दूर चौकों के निर्माण के लिए तुरंत कदम उठाने की ज़रूरत है।
इंडिया गठबंधन
पत्र सलग्न।
*पत्र*
सेवा में,,माननीय मुख्यमंत्री एवं श्रम मंत्री
उत्तराखंड सरकार
विषय: भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा किए जा रहे सामान वितरण में सरकारी निधि का दुरुपयोग होने की संभावना के संबंध में
महोदय,
16 फरवरी से उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कंबल और अन्य सामान का वितरण शुरू हुआ है, जिस योजना का उद्घाटन आपकी उपस्थिति में 31 जनवरी को हुआ था । हम इस बात का स्वागत करते हैं कि महामारी के बाद सरकार ने भले ही पहली बार हो पर इस गरीब और वंचित तबके के लिए बनी हुई योजना पर विस्तार से अमल करने की पहल की है, लेकिन इस सन्दर्भ में हम सरकार के संज्ञान में कुछ और बातों को भी लाना चाह रहे हैं:
– देहरादून शहर और राज्य के अन्य स्थानों से भी जानकारी मिली है कि सामान वितरण सिर्फ सत्ताधारी दल के विधायक एवं पार्षद द्वारा किया जा रहा है, और अन्य मज़दूर संगठनों, प्रतिनिधियों या सीधा मज़दूर द्वारा आ रहे आवेदनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। हम चाहते हैं कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए और यदि इसमें सत्यता पाई जाती है तो यह सरकारी निधि का दुरूपयोग है और मज़दूरों के हक़ों पर डाका है।
– खबर यह भी आ रही है कि इस वितरण व्यवस्था में अनियमितताएं हो रही है ख़ास तौर पर अपात्र और अपंजीकृत लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
– महोदय, महामारी और लॉक डाउन में सबसे ज्यादा नुक्सान मज़दूर वर्ग को हुआ था। उनकी कमाई, रोज़गार, स्वास्थ और उनके बच्चों का शिक्षा पर घोर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। इस सन्दर्भ में सिर्फ कंबल और छाता के वितरण से उनकी ज़िन्दगी में असली सुधार नहीं होने वाला है। इसलिए इस के साथ साथ उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, महिला मज़दूरों के लिए आर्थिक राहत, और उनके क़ानूनी हक़ों जैसे समय पर भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए कदम युद्धस्तर पर उठाने की ज़रूरत है।
इसलिए हम चाहते हैं कि:
– प्रत्येक पात्र निर्माण मजदूर को योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए। लाभ वितरण श्रम विभाग के आधिकारियो की ही देखरेख में होना चाहिए।
– मज़दूरों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, महिला मज़दूरों के लिए राहत, मज़दूरों को अपने भुगतान समय पर मिलने के लिए ठोस व्यवस्था, और शहर में मज़दूर हॉस्टल एवं मज़दूर चौकों का निर्माण के लिए तुरंत कदम उठाया जाये।
– विगत कुछ सालों से निर्माण मज़दूर योजना पर हुई जांचों के रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाये।
निवेदक
प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस
डॉ SN सचान
राष्ट्रीय सचिव
समाजवादी पार्टी
राजेंद्र नेगी
राज्य सचिव
CPI(M)
समर भंडारी
राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य
CPI
इंद्रेश मैखुरी
राज्य सचिव
CPI(ML)
उमा सिसोदिया
पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष
आम आदमी पार्टी