
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उम्मीद से ज्यादा सीटें लेकर आई भाजपा में मुख्यमंत्री के चेहरे लेकर मंथन शुरू हो गया है जीते हुए विधायकों से बातचीत कर उनकी राय जानने केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक के तौर पर उत्तराखंड भजे जाने की खबर आ रही हैं।
इस बात की चर्चा भी जोरों से हो रही है कि सत्ता की कमान दोबारा पुष्कर सिंह धामी को भी सौंपी जा सकती है पुष्कर सिंह धामी के करीबियों का कहना है कि अत्यंत व्यस्तता के चलते धामी अपनी सीट पर ध्यान नहीं दे पाए जिस वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।
धामी के ऊपर पूरे प्रदेश में पार्टी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी थी,पूरे प्रदेश में चुनावी रैली व जनसभाएं कर धामी ने प्रदेश में भाजपा की स्थिति को सुधारा है ।भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी है भलीभांति पता है कि चुनाव के दो माह पूर्व कराए गए सर्वे में पार्टी करीब-करीब हार का सामना रही थी पर पार्टी दो तिहाई बहुमत से जीत गई,यहां पर पार्टी को मोदी के चेहरे साथ-साथ धामी की छवि का भी फायदा मिलता साफ दिख रहा है यही मजबूत आधार पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए मददगार साबित हो सकता है इनके अलावा धन सिंह रावत, सतपाल महाराज ,डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ,रितु खंडूरी ,अजय भट्ट का नाम भी मुख्यमंत्री की दौड़ में है। धामी को लेकर प्लस पॉइंट है यह भी है कि धामी के नाम पर सहमति पूर्व में ही बन चुकी है धामी के नेतृत्व को सभी लोग स्वीकार कर चुके हैं ऐसे में किसी नए नाम को लाने पर पार्टी को विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। सभी दिग्गज भी अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग कराने में लगे हुए हैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएम का ताज जिसके सर पर सजता है।