
UKSSC पेपर लीक:सड़कों पर उतरे युवा
देहरादून 31 सितंबर 2025: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में एक बार फिर कथित पेपर लीक को लेकर सोमवार को राजधानी देहरादून में हजारों की संख्या में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। बॉबी पंवार के बार-बार समझाने के बावजूद कुछ अति उत्साही युवा सड़क किनारे गाड़ियों के आगे लेट गए और जोरदार प्रदर्शन करने लगे। बॉबी पंवार का कहना था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। कुछ लोग जानबूझकर प्रदर्शन में शामिल होते हैं और ऐसी हरकतें करते हैं जिससे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में व्यवधान उत्पन्न हो और पुलिस को उन्हें खरीदने का मौका मिल जाए। आपको बता दें कि बेरोजगार संघ के सचिवालय कूच के आह्वान के बाद पुलिस ने भी तगड़ा इंतजाम कर रखा था। पुलिस ने कई जिलों की पुलिस देहरादून बुला रखी थी। सचिवालय के बाहर ऊंची ऊंची बैरिकेडिंग लगाकर सुरक्षा बनाई गई थी। तो इन्हीं सबको भापते हुए बॉबी पंवार ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से करने का फैसला किया ।
सरकार विरोधी नारों से राजधानी गूंज उठी। युवाओं का आक्रोश इस कदर था कि उन्होंने सरकार और आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना था कि सरकार बार-बार पेपर लीक के मामलों को दबाने की कोशिश कर रही है, जिससे युवाओं के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ हो रहा है। बता दें रविवार को हुई प्रेस वार्ता में बेरोजगार संघ ने पेपर लीक की जानकारी सार्वजनिक की थी और सोमवार को सचिवालय कूच व विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। इस ऐलान को देखते हुए प्रशासन ने राजधानी के प्रमुख इलाकों में धारा 163 लागू कर दी थी। इसके तहत घंटाघर, गांधी पार्क, सचिवालय मार्ग, न्यू कैंट रोड, सहस्त्रधारा रोड, नेहरू कॉलोनी, राजपुर रोड, ईसी रोड, सहारनपुर रोड, सर्वे चौक और डीएवी रोड में प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में बेरोजगार तय कार्यक्रम के अनुस राजधानी में एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद प्रदर्शनकारियों का आक्रोश कम नहीं हुआ। युवाओं ने साफ कहा कि अब वे आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि रविवार को परीक्षा शुरू होने के महज आधे घंटे बाद, यानी करीब 11ः35 बजे ही पेपर का एक सेट लीक हो गया था, जिसकी पुष्टि स्वयं संघ ने की थी। इसके बावजूद आयोग और सरकार ने परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया। कहा कि वह स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और यूकेएसएससी के अध्यक्ष से मुलाकात कर पेपर रद्द करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने युवाओं की चिंता को गंभीरता से नहीं लिया। संघ ने यह भी सवाल उठाया कि पहले से ही पेपर लीक के लिए कुख्यात हाकम सिंह पर सरकार की नजर क्यों नहीं थी? एक बार फिर उसी व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है, जो पहले भी पेपर लीक में मुख्य आरोपी रह चुका है। यह पूरी तरह से एक सुनियोजित षडड्ढंत्र है, जिसमें सत्ता और तंत्र की मिलीभगत से नकल माफिया बेरोकटोक सक्रिय हैं प्रदर्शनकारी युवाओं ने यह भी आरोप लगाया कि पेपर लीक जैसे गंभीर मामलों में सरकार केवल कार्रवाई का नाटक कर रही है। फ्हम खुद पेपर लीक की सूचना और सबूत दे रहे हैं, लेकिन सरकार खानापूर्ति कर रही है। अब समय आ गया है कि हम चुप बैठने के बजाय सड़कों पर उतरकर सरकार को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाएं। संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस बार भी पेपर रद्द नहीं करती और दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तो जल्द ही प्रदेशभर में एक ऐतिहासिक जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। धरना प्रदर्शन के दौरान राजधानी देहरादून के संवेदनशील क्षेत्रें में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कई जगहों पर बेरिकेडिंग की गई और पुलिस फोर्स को अलर्ट मोड पर रखा गया।