
उत्तराखंड में चुनाव बीत चुके हैं कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रही हैं नतीजे 10 मार्च को सार्वजनिक होंगे उसके बाद ही तय होगा कि सरकार कौन बनाएगा पर ऐसे में निर्दलीय विधायकों की का महत्व बहुत बढ़ जाता है इस बार निर्दलीय विधायक के तौर पर लड़े राजकुमार ठुकराल ने कहा कि बाल्यकाल से ही उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया था ,छात्र राजनीति से राजनीति में कदम रखने वाले राजकुमार ठुकराल को उत्तराखंड आंदोलन में 22 दिन की जेल हो चुकी हैं उन्होने यह भी कहा कि यदि वह तीसरी बार विधायक जीतकर आते हैं तो पुलिस वालों को 4600 ग्रेड पे दिलवाने का काम करेंगे पुलिस वालों को उनका अधिकार दिलाएंगे ,जरूरत पड़ने पर कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने के सवाल के जवाब में ठुकराल ने कहा कि उन पर किसी भी तरह के घोटाले का आरोप नहीं है फिर भी भाजपा ने 26 जनवरी को उनका टिकट काट दिया था 27 तारीख को उन्होंने अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया तथा 28 को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया, पहले भी बीजेपी संगठन के लोग उनके विरोध में काम किया करते थे इसके बावजूद वे अपने समर्थकों के बलबूते हमेशा जीतते रहे हैं समर्थन देने के बात पर ठुकराल ने कहा कि वह अब बीजेपी के गुलाम नहीं है ,समर्थकों के साथ महापंचायत करेंगे और जो भी उनके समर्थक फैसला लेंगे उसके बाद ही वह किसी पार्टी में जाने का निर्णय लेंगे