
मालदेवता में बादल फटने से आया बाढ़ का सैलाब भले ही कम हो गया हो पर लोगों के आंसू कम नहीं हो रहे हैं। चारों और सिर्फ तबाही का ही मंज़र है। वह तो ऊपर वाले का इतना रहम है कि 2 दिन से मौसम साफ है और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। 32 टीमें में एनडीआरएफ की और 44 टीमें एसडीआरएफ की राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। कई घंटे बीत जाने के बाद भी 13 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है जबकि करीब 5 शव बरामद बताए जा रहे हैं। लोगों के पूरे के पूरे घर तबाह हो गए हैं और जो कुछ बचे हैं उनमें भी मलवा भर गया है लोगों का खाने पीने का सामान व बिस्तर कपड़े आदि सब खराब हो गए हैं हल्की बारिश होते ही लोग अब भी डर से सहम जा रहे हैं । बचाव दल ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर रिजॉर्ट में फंसे पर्यटकों को सकुशल बाहर निकाल लिया है। राहत एवं बचाव दल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैनात कर दी गई है उधर कमिश्नर ने आपदा में हुए नुकसान की रिपोर्ट जिलाधिकारियों से तलब की है अभी तक 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं व 12 लोग घायल भी हैं आपदा में 63 मवेशियों की मौत हो गई है आज घर पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं जबकि 44 घरों को नुकसान पहुंचा है राजकीय हेलीकॉप्टर को भी बचाव कार्य में लगाया गया है। बिजली के खंबे बाढ़ में बह जाने के कारण रात को पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसर जा रहा था इसे देखते हुए वहां सोलर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। समय बीतने के साथ-साथ आपदा का दायरा भी बढ़ रहा है वैज्ञानिक इस आपदा के कारणों का भी पता लगाने में जुटे हैं ताकि भविष्य में समय रहते लोगों को सचेत किया जा सके। राहत और बचाव कार्य में ढिलाई का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश भी व्यक्त किया है।
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