
भीषण सड़क हादसा : बद्रीनाथ जा रही यात्री बस अलकनंदा नदी में गिरी, 3 मृत, 9 लापता
### 🚨 घटना स्थल का विवरण
26 जून 2025 की सुबह लगभग 7:40 बजे, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में **घोलतीर इलाके** (बद्रीनाथ हाईवे पर) के निकट स्टेट बैंक मोड़ के पास एक **टेंपो ट्रैवलर (यूके-08 पीए-7444)** अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में गिर गया। वाहन केदारनाथ से बद्रीनाथ धाम जा रहा था और इसमें **ड्राइवर सहित 20 यात्री** सवार थे, जो मुख्यतः राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के थे। हादसे के समय कुछ यात्री बस से छिटककर पहाड़ी पर लटक गए, जिन्हें बाद में बचा लिया गया ।
### ⚠️ हताहतों की स्थिति
– **मृतक**: 3 यात्रियों की मौत की पुष्टि (विशाल सोनी, मध्य प्रदेश, 42 वर्ष; ड्रिमी, गुजरात, 17 वर्ष; और एक अन्य) ।
– **घायल**: 8 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से 4 गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस से **ऋषिकेश एम्स** ले जाया गया ।
– **लापता**: 9 यात्री अभी भी अलकनंदा नदी में लापता हैं। लापता लोगों में **77 वर्षीय सुशीला सोनी** और **12 वर्षीय चेष्ठा** जैसे बच्चे-बुजुर्ग शामिल हैं ।
### 🚑 राहत और बचाव अभियान
– **तकनीकी खोज**: लापता बस और यात्रियों का पता लगाने के लिए **नवीनतम तकनीक** का उपयोग किया जा रहा है। नदी का तेज बहाव और मॉनसून की स्थिति ने रेस्क्यू कार्य को जटिल बना दिया है ।
– **टीमों की तैनाती**: एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। बचाव दल घटनास्थल से **40 किमी दूर तक** नदी के तल में खोजबीन कर रहे हैं ।
– **चिकित्सा प्रबंधन**: घायलों को रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल और ऋषिकेश एम्स में इलाज दिया जा रहा है। चार घायलों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया ।
### 📢 प्रशासनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
– मुख्यमंत्री **पुष्कर सिंह धामी** ने एक्स (ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए कहा: *”यह घटना अत्यंत दुखद है। एसडीआरएफ द्वारा युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।”*
– गढ़वाल मंडल आयुक्त **विनय शंकर पांडे** और अपदा प्रबंधन सचिव **विनोद कुमार सुमन** ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की ।
### ⚠️ चिंताएँ और चुनौतियां
– **मौसम की भूमिका**: मॉनसून के दौरान नदियों का जलस्तर खतरनाक ऊँचाई पर है, जिससे ऐसे हादसों का जोखिम बढ़ गया है ।
– **सड़क सुरक्षा**: यह हादसा उत्तराखंड के संवेदनशील हाईवे खंडों में **सुरक्षा उपायों के अभाव** की ओर फिर से ध्यान खींचता है।