
दयारा बुग्याल में 17 अगस्त 2022 को होगा ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल का आयोजन
धरती का यह स्वर्ग समुद्र तल से 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है यह खूबसूरत बुग्याल अपने अंदर अद्भुत सौंदर्य को समेटे हुए है।यह अनेक औषधियों,पुष्प पादपों व मखमली घास से आच्छादित क्षेत्र है।
स्थानीय गांव रैथल के लोग सदियों से भाद्रपद महीने की सक्रांति को इस उत्सव का आयोजन करते हैं। उत्सव में दूध मक्खन और मट्ठे की होली खेली जाती है। इस अनूठे उत्सव के जरिए ग्रामीण प्रकृति का आभार व्यक्त करते हैं कि प्रकृति ने उनके मवेशियों की रक्षा की व उन्हें औषधीय गुणों से भरपूर घास चारा उपलब्ध कराया जिससे उनके दुधारू पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ सका। स्थानीय स्तर पर butter festival
को अण्डुडी़ पर्व के नाम से जाना जाता है।
रैथल गांव के लोग गर्मी शुरू होते ही अपने मवेशियों के साथ दयारा बुग्याल के पास गोई चिलापड़ा में बनी अपनी छानियों में पहुंच जाते हैं व सर्दी शुरू होने पर अण्डुडी़ उत्सव के जरिए प्रकृति का आभार व्यक्त करते हुए अपने गांव वापस आ जाते हैं।
17 अगस्त को होने वाले इस पारंपरिक व ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। इस वर्ष आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के तहत अमृत महोत्सव का जश्न दूध मट्ठा मक्खन की होली के साथ मनाया जाना है। 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में इस बार 15 अगस्त को तिरंगा भी फहराया जाएगा।

दयारा पर्यटन उत्सव समिति द्वारा आयोजित इस उत्सव में रैथल के ग्रामीण अपनी पौराणिक परंपराओं को संरक्षित रखने वह भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं की याद में यह पर्व मनाते हैं।
इस उत्सव में स्थानीय लोक नृत्य रासौ, मक्खन मट्ठा व पिचकारीयों की होली के साथ ही लोकगीतों का भी आयोजन किया जाता है। स्थानीय पर्व अण्डुडी़ उत्सव को विश्व पटल पर बटर फेस्टिवल के नाम में जाना जाता है जहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
To join our Facebook page click hereमुख्यमंत्री धामी ने हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की, हजारों स्कूली छात्र छात्राओं ने किया प्रतिभाग