उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर का सीजन शुरू हो चुका है जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है जंगलों में आग लगने की घटनाएं व संभावनाएं भी बढ़ने लगी हैं। हर साल जंगलों में आग लगने की वजह से करोड़ों की वन संपदा नष्ट हो जाने के साथ ही पर्यावरण को भी भारी क्षति होती है वन मंत्री सुबोध उनियाल ने समीक्षा के दौरान पाया कि लॉकडाउन अवधि 2020 में जंगलों में आग की घटनाएं सबसे कम रही। पिछले 20 सालों की बात करें तो राज्य गठन के बाद से अब तक जंगलों में आग लगने की घटनाएं लॉकडाउन की अवधि में सबसे न्यूनतम थी ।अब वन मंत्री ने कहा है कि इन कारणों का पता लगाया जाए कि क्यों आखिर लॉकडाउन अवधि में जंगलों की आग की घटनाएं सबसे कम रही है क्या कारण है क्योंकि लॉक डाउन की अवधि में भी पहाड़ों में खेती व लोगो दिनचर्या सामान्य ही थी।ऐसे में अगर जंगलों में आग की घटनाएं कम थी तो उसके क्या कारण है क्या हर साल मानवीय हस्तक्षेप की वजह से जंगलों में आग की घटनाएं होती है , क्या विभागीय अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं या फिर कुछ और यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। वर्तमान फायर सीजन को देखते हुए मंत्री जी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं साथ ही जंगलों की आग पर सेटेलाइट से भी नजर रखी जा रही है।
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