धामी 2.0 में पुष्कर सिंह धामी के तेवर तल्ख और कड़क दिख रहे हैं ,धामी 1.0 की सरकार में पुष्कर सिंह धामी को महज 6 महीने का ही वक्त मिला ऐसे में मुख्यमंत्री पद पर अनुभव की कमी , सरल व सुलभ व्यवहार, मंत्रिमंडल में कोई बड़ा फेरबदल न किया जाना और समय कम होने की वजह से सारा ध्यान चुनाव पर ही लग गया ।
अब धामी 2.0 की सरकार है चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है उन्हें पुनः उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया है ऐसे में वह आत्मविश्वास से भरपूर हो कर कड़क फैसले ले सकते हैं इसकी बानगी इसी बात से समझी जा सकती है कि 23 मार्च को शपथ ग्रहण होने के बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है। पांच पुराने व 3 नए चेहरे को कैबिनेट में लाकर केंद्र से अपने रिश्ते दिखा दिए हैं अब धामी फूंक-फूंक कर कदम रखना चाह रहे हैं ,होमवर्क पूरा होने के बाद ही मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जाएगा ।मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे के बाद नौकरशाही पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है। कुछ नौकरशाहों ने कांग्रेस सरकार आने की उम्मीद में कांग्रेस को जमकर सलाम बजाया है इनमें कुछ IPS,IAS और कई विभागाध्यक्ष भी शामिल है जो अब धामी के पुनः मुख्यमंत्री बन जाने के बाद से टेंशन में है ।पुष्कर सिंह धामी को 6 माह में चुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना है ऐसे में वह कोई भी गलत कदम या अपनी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते इसलिए उन्होंने अपने ऑफिस में फालतू लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है वरिष्ठ नौकरशाह भी सिर्फ अपॉइंटमेंट लेकर ही उनसे मिल सकते हैं, धामी 1.0 सरकार की तरह फाइलें उठाकर किसी भी समय मुख्यमंत्री से मिलना अब संभव नहीं है क्योंकि केंद्र ने उन पर भरोसा जताया है और अब वह दोबारा चुनाव जीतकर जनता का भरोसा बनाए रखना चाहते हैं ऐसे में वह अपनी छवि पर कोई भी दाग नहीं लगने देना चाहते इसलिए यह माना जा रहा है कि धामी 2.0 की सरकार काफी सख्त रहने वाली है हैं।
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