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देहरादून को स्लम-मुक्त बनाने की ठोस पहल, डीएम ने शुरू की कार्यवाही

 

देहरादून, 11 मई 2025 : जिलाधिकारी सविन बसंल ने आज ऋषिपर्णा सभागार में मलिन बस्तियों के पुनर्वास और शहर को स्लम-मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री के जन-केंद्रित दृष्टिकोण से प्रेरित होकर डीएम ने इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए।

 

### **मलिन बस्तियों के पुनर्वास की कार्ययोजना**

जिलाधिकारी ने बैठक में सबसे पहले बिंदाल और रिस्पना नदी किनारे बसी बस्तियों के विस्थापन और पुनर्वास पर चर्चा की। उन्होंने नगर निगम और एमडीडीए के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन बस्तियों के लिए एक व्यवस्थित पुनर्वास योजना तैयार करें। साथ ही, उन्होंने 2016 से पहले और बाद में बसी 88 बस्तियों की अद्यतन सूची 5 दिनों के भीतर तैयार करने का आदेश दिया।

 

इसके अलावा, एमडीडीए से पुनर्वास के लिए उपलब्ध भूमि पार्सल की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई। डीएम ने जोर देकर कहा कि पुनर्वास योजना में केवल आवास ही नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, सफाई और शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाए।

 

### **अधिकारियों को सख्त निर्देश**

बैठक में डीएम ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस कार्य में कोई देरी या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, *”कानूनी अड़चनें, जमीन विवाद या अधिकार क्षेत्र के झगड़े अब बहाने नहीं चलेंगे। सभी विभागों को एक साथ मिलकर काम करना होगा और इस योजना को सफल बनाना होगा।”*

 

उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने एक बार जो प्रतिबद्धता व्यक्त कर दी है, उसे पूरा करके ही दम लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम, एमडीडीए, सिंचाई विभाग और अन्य रेखीय विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर एक प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाएगी।

 

### **गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने का संकल्प**

डीएम ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को भी गरिमामय जीवन जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा, *”स्लमवासी भी हमारे ही लोग हैं। उन्हें सुरक्षित आवास, स्वच्छ पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी है।”*

 

इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे न केवल पुनर्वास पर ध्यान दें, बल्कि इन परिवारों को रोजगार से जोड़ने की योजना भी बनाएं, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके।

 

### **पर्यावरण संरक्षण और नदी विकास**

बैठक में नदियों के किनारे की बस्तियों को हटाने और पर्यावरण संरक्षण पर भी विस्तार से चर्चा हुई। डीएम ने कहा कि रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे के अतिक्रमण हटाकर नदियों के प्राकृतिक प्रवाह और स्वच्छता को बहाल किया जाएगा।

 

इसके साथ ही, नदियों के किनारे एलिवेटेड कॉरिडोर, रिटेनिंग वॉल और बाढ़ सुरक्षा कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शहर का सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि पर्यावरणीय स्वास्थ्य भी सुधरेगा।

 

### **”असंभव को संभव बनाने की मानसिकता अपनाएं”**

डीएम ने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे *”यह काम नहीं होगा”* जैसी नकारात्मक सोच को त्यागकर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करें। उन्होंने कहा, *”स्लम हमारी लापरवाही और उपेक्षा का परिणाम है, इसलिए इसे ठीक करना भी हमारी ही जिम्मेदारी है।”*

 

उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने स्तर पर तेजी से कार्यवाही शुरू करें और इस योजना को सफल बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित रहें।

 

इस बैठक के माध्यम से प्रशासन ने देहरादून को स्लम-मुक्त, स्वच्छ और सुविधायुक्त शहर बनाने की दिशा में एक ठोस पहल की है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में सभी विभागों ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्परता दिखाई है। आने वाले समय में इस योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद है।

NewsGrid Desk

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