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कप्तान चुनाव हार गया और टीम जीत गई।ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं ।पार्टी के युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी को भी इस बात का मलाल जीवन भर रहेगा कि बतौर सीएम एक पूरी पारी खेलने का एक मौका हाथ से चला गया ।
उत्तराखंड में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि कांग्रेस पार्टी का सीएम चेहरा हरीश रावत व बीजेपी पार्टी का सीएम चेहरा पुष्कर सिंह धामी दोनों ही चुनाव हार चुके हैं जनता के इस फैसले से राजनीतिक विश्लेषक काफी हैरान है वह यह सोचने को मजबूर हैं कि जनता की वह कौन सी नब्ज़ थी जो वो पकड़ नही पाए।
भारतीय जनता पार्टी खुद 45 प्लस सीटें पाकर गदगद है क्योंकि पार्टी का खुद का सर्वे उन्हें बमुश्किल बहुमत तक पहुंचा रहा था वह इसी मुश्किल परिस्थिति से निबटने के लिए कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही देहरादून में डेरा डाले हुए थे, अब जबकि पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार चुके हैं पार्टी में इस बात को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है कि अगला सीएम का चेहरा कौन होगा।
खटीमा सीट की बात करें तो कांग्रेस के प्रत्याशी भूवनचंद्र कापड़ी ने 6579 वोटों के अंतर से जीत हासिल की ,कापड़ी को 48177 मत मिले वहीं बीजेपी के युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी को 41598 वोट मिले, बीएसपी के उम्मीदवार रमेश सिंह को 937 व आप पार्टी के उम्मीदवार सविंदरजीत सिंह कलेर को 764 वोट मिले वही खटीमा सीट के 656 लोगों ने किसी प्रत्याशी को पसंद नहीं किया और नोटा का बटन दबाया ,खटीमा सीट से कुल 9 प्रत्याशी मैदान में थे।