रेलवे की एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत दो दर्जन से अधिक रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री की जाएगी इसी क्रम में देहरादून रेलवे स्टेशन पर पहाड़ी ब्रह्मकमल टोपी का स्टाल लगाकर बिक्री की जानी है।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में उत्तराखंड के देहरादून ,हरिद्वार, ऋषिकेश रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर आदि स्टेशनों पर भी स्थानीय उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएंगे ,कई स्टेशनों पर इस तरह के स्टॉल पहले से ही संचालित है जिनमें मुरादाबाद में पीतल के बने उत्पाद, हरदोई में खादी, सफीपुर में मिट्टी के खिलौने, बरेली में जरी वर्क, देहरादून में उत्तराखंडी पहाड़ी टोपी, हरिद्वार में हैंडीक्राफ्ट एवं पहाड़ी शहद की बिक्री की जा रही है।
रेलवे में रोजाना लाखों लोग यात्रा करते हैं और ऐसे में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशन पर स्टॉल लगाकर एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड टोपी पहनी थी जिसके बाद ये टोपी काफी चर्चाओं में आ गई पहाड़ी टोपी एक स्टेटस सिंबल बन गया ,ब्रह्मकमल टोपी के डिजाइन की वजह से लोग इसके दीवाने हो गए। इस टोपी को डिजाइन करने वाले समीर शुक्ला को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सम्मानित कर चुके हैं
उत्तराखंडी टोपी डिजाइन करने वाले समीर शुक्ला का कहना है कि उत्तराखंड में कोई एक टोपी सर्वमान्य नहीं थी अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग प्रकार की टोपियां पहनी जा रही थी तो ऐसे में उन्हें विचार आया कि क्यों ना ऐसी टोपी डिजाइन की जाए जिसमें उत्तराखंड की पहचान भी हो और मॉडर्न लुक भी हो, उत्तराखंड में ब्रह्मकमल के महत्व को देखते हुए इसे ब्रह्मकमल पहाड़ी टोपी नाम दिया गया, उत्तराखंड की पहचान बन चुकी पहाड़ी टोपी को अब स्टाल के माध्यम से बिक्री के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
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