106 वर्षीय पार्वती देवी: लोकतंत्र की जीवंत मिसाल, बारिश और उम्र को मात देकर किया मतदान

106 वर्षीय पार्वती देवी: लोकतंत्र की जीवंत मिसाल, बारिश और उम्र को मात देकर किया मतदान
*(चमोली, उत्तराखंड – 28 जुलाई 2025)*
**गैरसैण विकासखंड** के ऐरोली गाँव की **106 वर्षीय पार्वती देवी** आज त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में लोकतंत्र की अनूठी मिसाल बनकर उभरीं। हल्की बारिश और ठंडी हवाओं के बावजूद, उन्होंने स्थानीय मतदान केंद्र पर पहुँचकर मतदान किया, जिससे ग्रामीणों और अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई ।
अटूट हौसले की कहानी
– **चुनौतियों को मात**: ऊबड़-खाबड़ रास्तों और खराब मौसम के बीच पार्वती देवी ने परिवार के सहयोग से बूथ तक की यात्रा पूरी की। उनका संदेश स्पष्ट था: *”मतदान राष्ट्रीय कर्तव्य है, उम्र कभी इसमें बाधा नहीं बन सकती”*।
– **प्रशासन की प्रशंसा**: मतदान केंद्र पर तैनात अधिकारियों ने उनके उत्साह को सलाम किया। चमोली पुलिस ने इस चुनाव को “भयमुक्त और निष्पक्ष” बनाने के लिए कड़ी तैयारी की थी, लेकिन पार्वती देवी जैसे मतदाताओं ने इसे *अर्थपूर्ण* बना दिया ।
#### संदर्भ: चमोली में चुनाव की विशेषताएं
– **सुरक्षा व्यवस्था**: पुलिस उपाधीक्षक और सीएफओ ने क्षेत्र का लगातार दौरा कर संवेदनशील बूथों की निगरानी की ।
– **चुनौतियाँ**: कुछ गाँवों (जैसे कुलिग दिदीना) में सड़कों के अभाव के कारण मतदान बहिष्कार हुआ, लेकिन ऐरोली जैसे गाँवों ने लोकतंत्र में आस्था दिखाई ।
– **महत्वपूर्ण आँकड़े**: आज के चरण में 40 विकासखंडों के 5,033 पदों के लिए 14,751 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं ।
#### एक प्रेरणा: क्यों मायने रखता है उनका वोट?
पार्वती देवी का यह कदम उत्तराखंड के उन मतदाताओं के लिए प्रेरणा है जो मौसम या दूरी को बहाना बनाते हैं। **दोपहर 2 बजे तक** राज्य में **41.95%** मतदान दर्ज किया गया, जिसमें महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी उल्लेखनीय रही ।
**”जब इरादे मजबूत हों, तो उम्र सिर्फ एक संख्या है”** — यह कथन पार्वती देवी के जीवट को पूरी तरह दर्शाता है।
#### निष्कर्ष: लोकतंत्र की जीत
पार्वती देवी का मतदान केवल एक वोट नहीं, बल्कि **सामुदायिक जिम्मेदारी और नागरिक अधिकारों के प्रति समर्पण** का प्रतीक है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में, जहाँ भौगोलिक चुनौतियाँ अक्सर मतदान प्रतिशत को प्रभावित करती हैं, ऐसे जज्बे लोकतंत्र को मजबूत करते हैं। 31 जुलाई को मतगणना के परिणाम आने तक, यह छवि हर नागरिक को अपने कर्तव्य का स्मरण कराएगी ।