हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़: 8 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए

हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़: 8 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए
**हरिद्वार, 28 जुलाई 2025**
सावन के पहले रविवार (27 जुलाई) को हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर एक भीषण भगदड़ मची, जिसमें **8 श्रद्धालुओं की मौत** हो गई और **35 से अधिक घायल** हुए। घटना सुबह लगभग 9:15 बजे तब हुई जब मंदिर से मात्र 25 सीढ़ियाँ नीचे भारी भीड़ के बीच अचानक “करंट लगने” की अफवाह फैल गई।
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### ⚡ घटना का विस्तृत विवरण
– **स्थान एवं समय**: शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित मंदिर के 800 सीढ़ियों वाले पैदल मार्ग पर, सुबह 9:15 बजे के आसपास।
– **भगदड़ का कारण**: चश्मदीदों के अनुसार, सीढ़ियों पर लगे एक तार में करंट लगने से अफरा-तफरी मची, हालाँकि पुलिस ने इस दावे को “अफवाह” बताया। प्रारंभिक जाँच में भीड़ का दबाव और सीढ़ियों पर फिसलन को प्रमुख कारण माना गया।
– **पीड़ितों का विवरण**:
– **मृतक**: 12 वर्षीय आरुष (बरेली), 18 वर्षीय विशाल (रामपुर), 60 वर्षीय शांति (बदायूँ) सहित 6 लोग।
– **घायल**: 35 से अधिक, जिनमें दो बच्चों समेत 10 गंभीर रूप से घायल। अधिकांश पीड़ित उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के हैं।
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### 🚑 राहत एवं बचाव कार्य
– **तत्काल प्रतिक्रिया**: एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुँचीं। **108 एंबुलेंस** और ‘खुशियों की सवारी’ की वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया।
– **उपचार**: घायलों को हरिद्वार के जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। 4-5 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दी गई, जबकि 10 अभी भी भर्ती हैं।
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### 🗣️ प्रशासनिक एवं राजनीतिक प्रतिक्रिया
– **मुआवजा**: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिवारों को **2 लाख रुपये** और घायलों को **50,000 रुपये** देने की घोषणा की। यूपी सरकार ने भी यूपी के मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया।
– **जाँच के आदेश**: सीएम धामी ने घटना की **मजिस्ट्रियल जाँच** बैठक हुई है।
– **संवेदना**: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर “अपनों को खोने वालों के प्रति संवेदना” व्यक्त की।
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### 🔍 भविष्य की कार्ययोजना
– **सुरक्षा उपाय**: मंदिर प्रबंधन ने **’वन-वे’ सिस्टम** लागू करने और सीढ़ियों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने का निर्णय लिया है।
– **भीड़ प्रबंधन**: सावन के महीने में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए **टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी** और भीड़ नियंत्रण प्रोटोकॉल सख्त करने पर जोर।
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### 💬 चश्मदीदों का बयान
एक श्रद्धालु संतोष कुमार ने बताया, *”सीढ़ियों पर अचानक चिल्लाहट हुई— ‘भागो! करंट लगा!’ लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।”* । वहीं, महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि *”बारिश के कारण सीढ़ियों पर फिसलन थी, जिससे लोग लड़खड़ा गए।”* ।
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### ⚠️ सावधानियाँ और सबक
इस घटना ने भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर **भीड़ प्रबंधन की गंभीर कमियों** को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि:
1. तीर्थयात्रियों की वास्तविक समय में गिनती के लिए **डिजिटल सिस्टम** लागू किया जाए।
2. **आपातकालीन निकासी मार्ग** स्पष्ट चिह्नित किए जाएँ।
3. **अफवाहों को रोकने** हेतु सार्वजनिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था हो।
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**निष्कर्ष**: हरिद्वार की यह त्रासदी **सुरक्षा प्रोटोकॉल में सामूहिक चूक** की ओर इशारा करती है। जबकि प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य किए, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए **स्थायी भीड़-प्रबंधन नीतियाँ** बनाना अनिवार्य है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना धार्मिक आस्था के साथ-साथ मानवीय दायित्व भी है।
> *”धार्मिक उत्सवों में भीड़ का उत्साह देखना सुखद है, परंतु जब वही भीड़ जानलेवा बन जाए, तो यह प्रशासनिक विफलता का प्रश्नचिह्न है।”*