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अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा वीवीआईपी और बुलडोजर की कार्यवाही पर खामोश क्यों:धस्माना

कांग्रेस के अंकिता भंडारी मामले में सवाल
अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा वीवीआईपी और बुलडोजर की कार्यवाही पर खामोश क्यों
सरकार चाहती तो वीवीआईपी का होता खुलासा
सूर्यकांत धस्माना

 

देहरादून 31 मई 2025: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने अंकिता भंडारी मामले में पौड़ी सत्र न्यायालय के आए फैसले के बाद उस पर आई सरकार व भाजपा की प्रतिक्रिया पर हमला बोलते हुए भाजपा व सरकार पर इस जघन्य अपराध के पीछे के सबसे बड़े कारण वीवीआईपी को “अतिरिक्त सेवा” देने का दबाव मृतका अंकिता का स्वयं का आरोप पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए सरकार व भाजपा से सवाल किए हैं। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या का सबसे बड़ा कारण उसका अपनी अस्मिता के साथ सौदा ना करना बना जिसका जिक्र उसने अपने मित्र के साथ व्हाट्स ऐप चैट में किया था। धस्माना ने कहा कि हत्या का दोषी मुख्य अभियुक्त किस वीवीआईपी के लिए एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव बना रहा था जिसके कारण सारा विवाद और फिर अंकिता की हत्या की गई इसका खुलासा नहीं हुआ और इसी कारण ना उस वीवीआईपी को कहीं खोजा गया ना ही उसे अभियुक्त बनाया गया और इसीलिए उसे सजा भी नहीं हुई लेकिन सबसे बड़े अफसोस की बात यह है कि सरकार व भाजपा के किसी भी नेता या प्रवक्ता ने इस वीवीआईपी का जिक्र अपनी प्रतिक्रिया में नहीं किया जबकि मृतका अंकिता भंडारी के माता पिता समेत पूरा राज्य का जनमानस आज इस घटना पर न्यायालय के निर्णय आने के बाद भी इस वीवीआईपी के बारे में बात कर रहा है और उसे सज़ा देने की मांग कर रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि इसी से जुड़े दूसरे अहम पहलू पर भी भाजपा खामोश है कि वनंतरा रिसॉर्ट पर बुलडोजर की कार्यवाही किसके कहने पर हुई जिससे सुबूत मिटाने के प्रयास हुए। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अंकिता भंडारी मामले में माननीय न्यायालय के फैसले से इस हद तक सहमत है कि अंकिता भंडारी की हत्या हुई और उसके साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए गए किंतु विवेचना व ट्रायल में वीवीआईपी का जिक्र ना होना और उस पर कोई न्यायिक टिप्पणी ना होना अंकिता भंडारी को अधूरा न्याय मानती है इसलिए अभियोजन को इस मुद्दे को लेकर एक बार पुनः पुनर्विवेचना की कोशिश करनी चाहिए जिससे ये कथित वीवीआईपी का नाम उजागर हो और उसे भी सज़ा मिले।

NewsGrid Desk

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