
मार्च 2016 के बाद हुए अतिक्रमण का चिन्हीकरण कर नोटिस भेजने की बात कही
Dehradun 14 may 2024:देहरादून में रिस्पना नदी किनारे बसी मलिन बस्तियों पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एनजीटी के हालिया आदेश में 30 जून तक रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण को हटाने को कहा गया है। जिस पर नगर निगम देहरादून ने अपना पक्ष रखते हुए मार्च 2016 के बाद हुए अतिक्रमण का चिन्हीकरण कर नोटिस भेजने की बात कही है। निकाय चुनाव से ठीक पहले मलिन बस्तियों पर संकट मंडराने से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। पूर्व मेयर व वर्तमान में बीजेपी के धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली का कहना है कि संकट सभी मलिन बस्तियों पर नहीं है, एनजीटी के आदेश में 2016 के बाद हुए नए निर्माण पर ही सवाल उठाए गए हैं, कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें पुराने निर्माण में खरीद फरोख्त की गई है उनमें हमने बिजली पानी के बिलों की जांच की मांग की है। वह कोशिश कर रहे हैं कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए।
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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है की मलिन बस्तियों पर सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। वह दोहरे मापदंड अपना रही है,निकाय चुनाव में डरा धमकाकर वोट हासिल करना चाहती है। लोगों को उजाड़ने से पहले सरकार को विस्थापन करना चाहिए। और उन अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए जिनके कार्यकाल में यह अतिक्रमण हुआ है।
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