
उत्तराखंड कांग्रेस में एक कहावत आजकल सटीक बैठ रही है कि सूत न कपास जुलाहों में लठम लठ्ठा। विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद चंपावत उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस की हकीकत उधेड़ कर रख दी है।
लोगों के दिलों से कांग्रेस का ग्राफ लगातार नीचे गिरता जा रहा है। जिन नेताओं के कंधे पर पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी है वही आपसी बयानबाजी और गुटबाजी में मशगूल हैं। कई बड़े नेता भी पार्टी में अपने ओहदे से खुश नहीं है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में आज हरक सिंह रावत के आवास पर एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार ,कांग्रेस उपाध्यक्ष भुवन चंद कापड़ी, विजयपाल सजवान ,लालचंद शर्मा व हरक सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

इस बैठक को लेकर अफगाहों के साथ-साथ सियासी माहौल भी गर्म रहा। कहने को तो इस बैठक में कांग्रेस की बेहतरी के लिए चर्चा की गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में आर-पार की लड़ाई का मन बनाया गया है। क्योंकि हाल ही में पार्टी आलाकमान द्वारा लिए गए फैसले चाहे वह नेता प्रतिपक्ष का हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष का इसको लेकर एक धड़ा पार्टी फैसलों से संतुष्ट नही है।
जब पत्रकारों ने हरक सिंह रावत से हरीश रावत के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हरीश रावत की अब काफी उम्र हो गई है उन्हें छोटी राजनीति नहीं करनी चाहिए। जो नव युवा भी राजनीति में आते हैं वह भी तरह के बयान नहीं देते जिस तरह के बयान उम्र के इस पड़ाव में हरीश रावत दे रहे हैं।
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हरीश रावत को अब गंभीरता की राजनीति करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड के लोग राजनीति में टोने टोटके पसंद नहीं करते हैं।
आपको बताते चलें कि हाल ही में प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच जुबानी जंग चल रही है
आज हुई इस बैठक में भी अवश्य ही इस बात को लेकर चर्चा की गई होगी। अब यह बात भविष्य के गर्भ में ही हैं कि आज हुई इस बैठक के क्या नए सियासी समीकरण निकलते हैं।
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