नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने की प्रेस वार्ता
इस दौरान कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, ममता राकेश, अनुपमा रावत सहित कई विधायक रहे मौजूद
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रेस वार्ता कर वित्त वर्ष 2023-24 बजट पर सरकार को जमकर घेरा, नेता प्रतिपक्ष जयपाल आर्य का कहना है कि कार्यमंत्रा समिति में 5 दिन का बजट सत्र तय हुए था, लेकिन समय से पहले ही सत्र को समाप्त कर दिया जाता है,सत्र के दौरान नियमो की अनदेखी का लगाया आरोप, सरकार नही चाहती की प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर विपक्ष अपनी आवाज बुलंद कर सके।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूर्व बजट में सरकार द्वारा जो धनराशि विभागों की दी गई उसका केवल 40% ही खर्च हो पाया जोकि अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है
,सरकार को विकास कार्यों से कोई सर्वोकार नही है , आज प्रदेश में नौकरीशाही पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है, राज्य में आय के संसाधन कैसे जुटाए जाए इसका कोई रोडमैप सरकार के पास नहीं है,नकल विरोधी कानून लाकर सरकार ने युवाओं की आवाज को दबाने का काम किया है,
हिमाचल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब में जब पुरानी पेंशन लागू हो सकती है तो उत्तराखंड राज्य में क्यों नहीं करना चाहती सरकार।
अंकिता हत्याकांड में माता पिता की सीबीआई जांच के मांग के बाद भी सरकार जांच करवाने से पीछे हट रही है,
विधायको के निलंबन पर यशपाल आर्य ने कहा कि आदेश चौहान का प्रस्ताव पर संज्ञान न लिया जाना साफ दर्शाता है पीठ से जो संरक्षण हमे मिलना चाहिए था वो नही मिला। 297/01 की धारा के तहत जिस भी विधायक का निलंबन किया जाता है उसका नाम बोला जाता है, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने सदन के नियमो के विपरीत करवाई की,कार्य संचालन में विधानसभा स्पीकर ने नियम का उल्लघंन किया है।
वहीं प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वर्तमान चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इस वर्ष बजट में पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग सहित कई विभागों के बजट को कम कर दिया गया, तो क्यों सरकार अपनी पीठ थप थापने का काम कर रही है।सरकार के लिए गैरसैंण गैर हो चुकी है।कार्यसंचालन नियमावली के विरुद्ध सदन को चलाने का काम किया गया है।
13 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले 12 मार्च कार्यमंत्रणा की बैठक में 13 और 14 मार्च का कार्य तय किया गया, लेकिन 15 मार्च को सत्र शुरू होने से पहले कार्यमंत्रा की बैठक में विपक्ष को नही बुलाया जाता, जोकि नियमो के विरुद्ध है।