
देहरादून 27 मई 2024: देहरादून रिस्पना नदी के किनारे 2016 के बाद से किए गए अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही शुरू हो गयी है । इस दौरान नगर निगम की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ देहरादून स्थित चूना भट्टा से अवैध निर्माण हटाने की शुरुआत की बता दे कि एनजीटी के आदेश के बाद 2016 के बाद रिस्पना नदी के किनारे अवैध बस्तियों के निर्माण को ध्वस्त करने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है । उप नगर आयुक्त गोपाल राम बेनवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि रिस्पना नदी के किनारे 2016 के बाद 525 अवैध अतिक्रमण चिन्हीत किये गए थे जिसमें 89 अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किए गए जिसके क्रम में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है ।
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एनजीटी के आदेश पर रिस्पना नदी किनारे नगर निगम द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी का कहना है की जो सरकर गरीबों को छत देने के बात कर रही थी, वही आज लोगों के खून पसीने से बनाई संपत्ति को उजाड़ने का काम कर रही है। सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि अतिक्रमण होने ही क्यों दिया गया। कांग्रेस की सरकार के समय मलिन बस्ती वासियों को मालिकाना हक दिया जा रहा था। यह सरकार का जल्दी में लिया गया निर्णय है।सरकार के इस तानाशाही रवैया के खिलाफ कांग्रेस गरीब मजदूर और आम आदमी के साथ खड़ी है।
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देहरादून में रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि यह कार्रवाई एनजीटी के आदेश पर की जा रही है एनजीटी ने अपने आदेश में 2016 के बाद रिस्पना नदी किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया है। उत्तराखंड आपदा ग्रस्त प्रदेश है और बरसात में नदी किनारे घरों में पानी घुसता है तो ऐसे में नदी किनारे अतिक्रमण को तोड़ना आवश्यक है जिससे और लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि निकाय चुनाव को देखते हुए कांग्रेस इसे बेवजह मुद्दा बना रही है।
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