
कांग्रेस पार्टी के भीतर से ही हरक सिंह रावत के खिलाफ स्वर तेज हो रहे हैं। दरअसल ED की जांच से परेशान हरक सिंह रावत व उनकी बहू पूर्व मिस इंडिया अनुकृति गुसाईं की बीजेपी में जाने की संभावनाएं चुनाव के पहले से ही चल रही थी परंतु आज विधिवत रूप से अनुकृति गोसाई ने बीजेपी का दामन थाम लिया, इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गहरी नाराजगी है उनका कहना है कि वह पूर्व में ही यह अंदेशा जाता चुके थे कि हरक सिंह रावत और अनुकृति गोसाई कभी भी पाला बदल सकते हैं। तो ऐसे में पार्टी आला कमान की ओर से यह निर्णय की लैंसडाउन सीट पर 2022 की चुनाव में अनुकृति गोसाई को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया था इसको लेकर नाराजगी जताते हुए राजेंद्र भंडारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से यह पोस्ट की है।
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2022 में मेरे जैसे कही जमीनी कार्यकर्ता को नकार कर आपने मौका परस्त नेता और कांग्रेस की सरकार की कमर तोड़ने वाले की बहु को भारी संसाधन के झोल के झांसे में 2022 में लैंसडाउन विधान सभा को गिरवी रख कर आयातित प्रत्याशी को टिकट दिया , उस समय जनता नाराज हो गई , अनुकृति बहुत वोट से हारी भी और ससुर जी की भविष्य की प्लानिंग के तहत बीजेपी में चली गई। कांग्रेस ने सब कुछ समझ कर भी उस समय गलती की,पहला नतीजा विधान सभा में भुगता, निसंदेह हरक सिंह को दुबारा कांग्रेस में लेने से गढ़वाल की कम से कम 7सीट हारे जो जीत रहे थे,क्योंकि जनता में गलत संदेश चला गया था,हरीश रावत जी और गोदियाल जी की छबि को भी उस समय नुकसान हुवा और अब जब लोकसभा में इन देशभक्तों की जरूरत थी तो धोखा देकर बीजेपी में चले गए, कांग्रेस को यदि आगे की राह सुधारनी है तो तुरंत हरक सिंह को भी पार्टी से निकाल देना चाहिए । ऐसे मौका परस्तो से पार्टी को नुकसान ही नुकसान है।